आज, नई दिल्ली में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल तथा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों — श्री राजेश अग्रवाल (अतिरिक्त सचिव), श्री एल. सत्य श्रीनिवास (अतिरिक्त सचिव), श्री रोहित कंसल (अतिरिक्त सचिव, पर्यटन मंत्रालय), श्री अजय भादू (अतिरिक्त सचिव एवं महानिदेशक – विदेश व्यापार) और श्रीमती आरती भटनागर (अतिरिक्त सचिव एवं वित्त सलाहकार, वाणिज्य मंत्रालय) ने निर्यात संवर्धन परिषदों (EPCs) तथा विभिन्न उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों से एक उच्चस्तरीय बैठक में संवाद किया।

इस बैठक में हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) का प्रतिनिधित्व अध्यक्ष डॉ. नीरज विनोद खन्ना, उपाध्यक्ष श्री सागर मेहता तथा अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक श्री राजेश रावत ने किया।

बैठक का उद्देश्य नीति निर्माताओं एवं निर्यातकों को एक मंच पर लाकर, निर्यात प्रदर्शन की समीक्षा करना और निर्यात संवर्धन के लिए रणनीतियाँ तय करना था।

बैठक के दौरान, डॉ. नीरज विनोद खन्ना ने हस्तशिल्प क्षेत्र की स्थिति, निर्यात प्रदर्शन, एवं ईपीसीएच की विभिन्न पहलों का विस्तृत अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने EU वनों की कटाई विनियमन (EUDR) को लेकर अपनी गंभीर चिंताएँ जाहिर कीं। साथ ही, उन्होंने निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान आकर्षित किया:

  • IGCR योजना के अंतर्गत अलंकरण, ट्रिमिंग, उपकरण एवं उपभोग्य सामग्रियों के शुल्क-मुक्त आयात की आवश्यकता,
  • डीजीएफटी पोर्टल के माध्यम से व्यापार विवादों का समाधान,
  • आईटी अधिनियम की धारा 43B में MSME निर्यातकों को समय पर भुगतान के लिए छूट,
  • सीमा पार बी2बी ई-कॉमर्स के लिए सुविधा,
  • ब्याज समतुल्यता योजना की निरंतरता और अनुपालन सहयोग,
  • कच्चे माल में नवाचार, अनुसंधान एवं विकास (R&D) के लिए वित्त पोषण की आवश्यकता।

वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल ने ईपीसीएच द्वारा उठाए गए विषयों को गंभीरता से सुना और आश्वस्त किया कि इन मुद्दों पर विचार किया जाएगा।

यह संवाद निर्यात क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा, जिसमें सरकार और उद्योग जगत के बीच समन्वय की भावना स्पष्ट रूप से दिखाई दी।